नारी शक्ति
नारी शक्ति
नारी शक्ति
कहने से कुछ न होगा दोस्त,
कुछ कर के दिखाओ,
तो बात बन जाये दोस्तो।
मन में अगर हो चाह,
तो सब पाया जा सकता है,
असफलता का ढिंढोरा तो,
कमजोर पीटा करते हैं।
शक्ति तो हम सब केअंदर है,
जरूरत तो केवल झाँकने की है,
हर सवाल का जवाब
स्वयं मिल जाता है।
घर में हर चीज पापा ले आते हैं,
बच्चों की हर जरूरत को पूरा कर जाते हैं,
पर बात जब कुछ करने की हो,
तो सभी को माँ याद आती है।
क्यों बच्चे कह जाते हैं !
पापा तो बस मम्मी की बात मानेंगे !
मम्मी ही सब कुछ बस !
ये नारी शक्ति नहीं तो क्या ?
अगर अपना घर सँवर जायें
तो समाज बदल सकता है,
क्योंकि हम से ही तो समाज बना है।
जरूरत केवल खुद को पहचानने की है,
पहचान फिर बनती चली जायेगी।
पीछे किसी न फिर चलना पड़ेगा,
दुनिया स्वयं पीछे आयेगी।
रंग रूप सुन्दरता सजना सँवरना,
सब है बेकार की बातें,
मन सुन्दर हो जाये
तो वाह ! वाह ! हो जाये दोस्तों।