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P Anurag Puri

Drama

5.0  

P Anurag Puri

Drama

नारी ! सामान नहीं सम्मान है

नारी ! सामान नहीं सम्मान है

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लड़की अपनी माँ हो तो देवी है

लड़की अपनी बहन हो तो इज्जत है

लड़की सबसे अच्छी दोस्त है

तो आपकी वो पहचान है।


पर गलती से लड़की परायी घर की हो

तो मुँह से निकल ही जाता है

वो देखो जा रही एक बड़ी मस्त माल है।


नारी ! न ही कोई वस्तु की मोहताज है

न ही कोई सामान

तो कैसे माल के साथ तोलना

हो जाता है इनको आसान।


लड़की अपनी है तो वो सम्मान

लड़की परायी है तो वो सामान

अरे ओ ना-पार इंसान मत भूल

नारी ! प्रेम है, आस्था है, विश्वास है।


टूटी हुई उमीद की एक मात्र आस है

हर जान की वो आधार है

इस नफरत की दुनिया में

एक मात्र प्यार है।


बड़े खुशनसीब है वो जिन्हें

ज़िन्दगी की राह में

नारी का साथ मिलता है

अक्सर वो लोग पीछे रह जाते है

जो नारी के अस्तित्व का

मजाक बना देते हैं।


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