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UPASANA PANDEY

Drama Inspirational

5.0  

UPASANA PANDEY

Drama Inspirational

नारी हूँ मैं

नारी हूँ मैं

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शिव की शक्ति

उनकी ही भक्ति

प्रकृति का प्रारूप हूँ मैं,

नारी हूँ मैं !


अन्तस में समेटे हुए

भावनाओं का अथाह समुद्र

स्व- सम्बन्धों को

प्रेम-निर्झरिणी से स्निग्ध

करती हूँ मैं,

नारी हूँ मैं !


व्रतोत्सव और

समारोहों की

प्राण हूँ मैं,

नारी हूँ मैं !


प्रत्येक सामाजिक

सम्बन्धों का

आधार हूँ मैं,

नारी हूँ मैं !


आधुनिकता की ओर

कदम बढ़ाती

साथ ही अपनी

सभ्यता व संस्कृति को

सहेजती हूँ मैं,

नारी हूँ मैं !


वासना के हृदयाघात से

टूटकर बिखरती परन्तु

वात्सल्य भाव से स्वयं को

दृढ़ता से खड़ी करती हूँ मैं,

नारी हूँ मैं !


स्वरक्त से सृजित

राष्ट्र के कर्णधारों में

संस्कार का आरोपण कर

सँवारती हूँ मैं,

नारी हूँ मैं !


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