राधा की भक्ति
राधा की भक्ति
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राधा की कृष्ण-भक्ति की धारा
अविरल प्रेम से भीगा जग सारा।
अनन्य भक्ति की वह परिचायक
श्री कृष्ण ही है उनके नायक।
उनके तन-मन में वही समाए
कृष्ण-कृष्ण ही धड़कन गाए।
ग्वाल संग गोपाल बरसाने जाएं
होली में रंग तभी तो आज।
प्रेम का रंग सभी पर छाए
रंग का उमंग सभी को भाए।
प्रेमी की भक्ति, भक्त का प्रेम
भक्ति के इस रूप से सबका योगक्षेम।