नाराज हो मुझसे
नाराज हो मुझसे
खपा खपा लगते हो,
बस शिकायत तुझसे,
मुंह चिढ़ा बात करते
क्यों नाराज हो मुझसे?
बस यूं ही बात करते,
फुरसत क्षणों में तुझसे,
वादों पर खरा उतरा हूं,
क्यों नाराज हो मुझसे?
कभी झगड़ा ना हुआ,
शिकायत नहीं तुझसे,
बातें नहीं कर रहे हो,
क्यों नाराज हो मुझसे?
कभी दिल दुखाया ना,
हँसकर बातें की तुझसे,
मुंह फेर लेते मिलने पर,
क्यों नाराज हो मुझसे?
साथ साथ चलते आये,
दूर ना हुये कभी तुझसे,
बातें करना गवारा नहीं,
क्यों नाराज हो मुझसे?
जब भी कष्ट मिला है,
पुकारा बस मैंने तुझको,
पर अब वो बात नहीं,
क्यों नाराज हो मुझसे?
साथ खाना खाया हमें,
खपा नहीं कभी तुझसे,
तुम अलग राह चलती,
क्यों नाराज हो मुझसे?
रात दिन तुझे चाहा था,
मुहब्बत बड़ी थी तुझसे,
दूर दूर छुपकर रहते हो,
क्यों नाराज हो मुझसे?
खेल अधूरा छोड़ो ना,
यह प्रार्थना बस तुझसे,
अच्छा नहीं लगता यह,
क्यों नाराज हो मुझसे?
जग तमाशा देख रहा,
यकीन बड़ा था तुझसे,
जग तमाशा बन चुका,
क्यों नाराज हो मुझसे?
मन में बहुत इतराते थे,
पाकर प्यार बस तुझसे,
वादे सारे तोड़ दिये हैं,
क्यों नाराज हो मुझसे?
कोई किसी का नहीं हैं,
यह समझाता मैं तुझसे,
आकर मुझको आजमा,
क्यों नाराज हो मुझसे?
बहुत बेदर्द जमाना हो,
यकीन मिला था तुझसे,
बस खाक छान रहे हैं,
क्यों नाराज हो मुझसे?
जिंदगी आनी जानी है,
पर दर्द मिला है तुझसे,
अब ना और मुझे सता,
क्यों नाराज हो मुझसे?
नाराजगी अब दूर कर,
फिर गले मिलूं तुझसे,
बांहों में बस आ जाना,
क्यों नाराज हो मुझसे?

