बचपन की उंगली पकड़े हुए जवानी की धड़कनें गिनते हुए बचपन की उंगली पकड़े हुए जवानी की धड़कनें गिनते हुए
चवन्नी पा कर हम इतराते, ताल-तलैया खूब नहाते। चवन्नी पा कर हम इतराते, ताल-तलैया खूब नहाते।
मेले से घरों तक आते मुखौटे, आसानी से किरदारों पर चढ़ जाते मुखौटे मेले से घरों तक आते मुखौटे, आसानी से किरदारों पर चढ़ जाते मुखौटे
पिघलते पारे का असर तो देखो जमे थमे ये नजारों का नूर तो देखो, पिघलते पारे का असर तो देखो जमे थमे ये नजारों का नूर तो देखो,
आज इस बात पर तुम इतराते हो, जिस वक्त को तुम अपना समझते हो, आज इस बात पर तुम इतराते हो, जिस वक्त को तुम अपना समझते हो,
वादों पर खरा उतरा हूं, क्यों नाराज हो मुझसे? वादों पर खरा उतरा हूं, क्यों नाराज हो मुझसे?