ना थमो तुम बांध सा
ना थमो तुम बांध सा


ना थमो तुम बांध सा
झरने सी बढ़ती रहो
जीवन के इस पथ पर
हर जीत हासिल करती रहो
ना थमो तुम बांध सा
झरने सी बढ़ती रहो।
सूरज से तेज़ हो तुममें
चांद सी शितलता रहे
जो भी तुम चाहो
सब तुम्हें मिलता रहे
हर सफर हर इम्तिहां में
भाग्य तुम्हारे साथ हो।
आपके सर पे सदा
परमात्मा का हाथ हो
नित नई ऊंचाइयों पर
तुम सदा चढ़ती रहो
ना थमो तुम बांध सा
झरने सी बढ़ती रहो।
सीखने की चाह हमेशा
साथ रखना तुम
हर पल कुछ सिखलाता है
ये बात याद रखना तुम
ये बात मन में गढ़ लिया
तो सब कुछ सम्भव है।
हकीकत में बदलेगा वो
जो लगता तुम्हें असम्भव है
कुछ कमी न रह जाए ख़ुद में
सो ख़ुद को तुम गढ़ती रहो
ना थमो तुम बांध सा
झरने सी बढ़ती रहो।