मुस्कुराती आँखें
मुस्कुराती आँखें
उनकी मुस्कुराती आँखों की कशिश आज भी है ।
उनसे बिछड़ने का असर आज भी है।।
नींद को आज भी शिकवा मेरी आँखों से।
मैंने आने न दिया उसे कभी आप के यादों से पहले।।
तेरी मुस्कुराती आँखों के आज भी हम गुुलाम है।
तेरी हर आँखों की अदाओ को मेरा सलाम है।।
दिल को हर खुशी मिली है आप कि आँखो में ।
प्यार की हर जाम हैं आप की आँखो मे ।।
बया हम कर नहीं सकते आपके आँँखो का हर मंजर।
समुन्दर से भी गहरी है आपके मुस्कुराती आँखों हर मंजर।।
हम डुबेे जो तो आज तक किनारा नहीं मिला ,
सोचा की शायद उनकी कुछ मेहरबानी हो जाए ।
लेकिन इस कदर डूबे कि,
तिनकेे का साहारा भी नहीं मिला ।।
आज भी पड़े हैं हम उस समुन्दर के बीच में,
न प्यास बुझती है न किनारा ही मिलता है ।।
बस उनकी आँखों कि मुस्कुराहट को दिल मे संजोकर के,
बिना पतवार के नैया लहरो,तुफानो से टकरा कर के।।
किनारे लग जाने की उम्मीदो से आगे बढ़ती जा रही हैं!