Niraj Tripathi

Abstract

5.0  

Niraj Tripathi

Abstract

दिल की चाहत

दिल की चाहत

1 min
200


हवा जब तेज चलती है,

तो पत्ते टूट जाते हैं।


मुसीबत के दिनों में,

अच्छे-अच्छे छूट जाते हैं।


अभी दुनिया नहीं देखी,

तभी से पूछते हैं वेl


किसी का दिल किसी का ख्वाब

कैसे टूट जाते हैं ?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract