मार्गदर्शक है पिता
मार्गदर्शक है पिता
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जीवन के आधारशिला है,
जीवन के मार्ग विधाता है।
पिता जी जीवन के परमेश्वर,
सुख-दुख के सच्चे साथी है।
जब भी कोई अपना राह भुलाता है,
जब मार्ग से हो जाता है विचलित,
तब कोई नजर नहीं आता है।
सब मुह मोड़ लेते हैं,
सब नाते तोड़ लेते हैं।
तब एक पिता ही होता है संसार में,
जो साहस को बढ़ाता है।
पकड हाथ को मजबुती से,
सही मार्ग पर लाता है।
कैसे करूँ गुणगान पिता की,
सभी शब्द उनके आगे बहुत छोटे नजर आते है।
है भाग्य शाली वह बालक,
जिसके सर पर पिता का ताज है।
जिसके पास पिता नहीं होता,
वह हर तरह से मोहताज है।