मुस्कान
मुस्कान
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वेदनाओं में मधुर मुस्कान लिखता हूँ
नफरतों में प्रेम का मैं गान लिखता हूँ
ऐ मेरे खाके वतन तू रूह है और जान मेरी
शौर्य गाथा में तेरे मैं जमीं आसमान लिखता हूँ
भाव विश्व वन्धुत्व का है दिले जर्रो में तेरे
सत्य अहिंसा प्रेम दया का मैं आन लिखता हूँ
हैं संजोये दिल में अपने हमने तेरी शौर्य गाथा
वीरों के रक्त से सिंचित मातृभूमि की आन लिखता हूँ
हैं शिवम् ख़्वाहिश मेरी हो कफ़न मिट्टी वतन की
वास्ते तेरे मैं अपनी ख़ुशियों का जहान लिखता हूँ!!