मुस्कान
मुस्कान


तेरे ख़्वाबों से लबरेज़ आँखों में ,
ग़रीब से आँसूं भी चले आते हैं !
दर्द उठता भी है तो मुस्कान लिए,
बेवजह भी कभी दर्द चले आते हैं !
तेरे ख़्वाबों से लबरेज़ आँखों में ,
ग़रीब से आँसूं भी चले आते हैं !
दर्द उठता भी है तो मुस्कान लिए,
बेवजह भी कभी दर्द चले आते हैं !