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ashok kumar bhatnagar

Romance

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ashok kumar bhatnagar

Romance

“ मुस्कान की मिठास"

“ मुस्कान की मिठास"

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यह कविता ग्रांड फादर और उनके ग्रांडसन और ग्रांडडॉटर के बीच के प्यार और सम्बंध को बहुत ही सुंदरता से व्यक्त करती है। उनके पोते और पोती की मुस्कान और उनके साथ बिताए ये पल उनके जीवन को सार्थक और खुशियों से भर देते हैं। 


उनकी मुस्कान के लिए बोह बूढ़ा और लाचार ब्यक्ति जो जीवन के अंतिम पढ़ाब पर हे और हर चीज को भूल जाना चाहता है। बोह अपने जीवन के अंतिम समय में सिर्फ अपने पोती और पोते के चेहरे पर "मुस्कान "की मिठास" देखना चाहता हैं . यह कबिता उस बूढ़े ब्यक्ति की खुशी और प्यार को दर्शाता है जो एक मुस्कान में छिपी होती है, जो जीवन को सुखद और खुशहाल बनाती है।


तू रूठा सा लगता हैं , 

कोई तरक़ीब बता मनाने के लिए.

मैं खुद को गिरबी रख दूंगा 

तेरे मुस्कराने के लिए 



धीरे-धीरे आती है रौशनी,

तेरी यादों की छाया में।

मन की गहराइयों से निकले,

जैसे सपनों की कहानियों का सफर।


तेरी मुस्कान की ख़ुशबू में,

जीने का मज़ा है ज़िन्दगी।

तू रूठा-रूठा सा लगता है,

पर दिल तेरी बातों में ख़ुश है।


कोई तरकीब नहीं चाहिए मुझे,

तेरी हंसी को बहाने के लिए।

मैं खुद को गिरबी रख दूंगा,

तेरी मुस्कराहट को पाने के लिए।


दिल की गहराइयों में छुपी,

तेरी खामोशी की आहट।

कहीं दूर खो जाता है मन,

तेरे बिना ये ज़िन्दगी कुछ नहीं ।


तू रूठा-रूठा सा लगता है,

कोई तरीक़ा बता, मनाने के लिए।

मेरी आँखों में बसा है तू,

तेरे हंसने की मिठास चाहिए ।


मैं खुद को गिरबी रख दूंगा ,

तेरे मुस्कान को पाने के लिए।

जीने का सहारा है तू मेरा,

तेरे साथ हर समस्या से लड़ने के लिए।


तू रूठा, रूठा सा लगता हैं,

कोई तरकीब बता, मनाने के लिए।

मेरे दिल की धड़कन हे तू ,

तेरे चेहरे की मुस्कान से मेरे जीवन का अर्थ ।


मैं खुद को गिरबी रख दूंगा,

तेरी मुस्कराहट पाने के लिए ।

तेरे आगे मेरी हर असफलता हार जाएगी,

क्योंकि तेरा चेहरा हैं मेरी खुशियां है।


तू रूठा, रूठा सा लगता हैं,

कोई तरकीब बता, मनाने के लिए।

मेरे दिल में तेरी छाया बिखरी है,

तेरे हंसने की ख़ुशबू में हर ख्वाब पिघला है।


तू

रूठा, रूठा सा लगता हैं,

कोई तरकीब बता, मनाने के लिए।

तेरी मुस्कान की चमक से रोशन,

मेरे हर पल को सजाने के लिए।


मैं खुद को छिपाऊंगा गहराइयों में,

तेरे मुस्कान को पाने के लिए।

तेरी हंसी मेरी खुशियों का कुंजी,

तेरे साथ हर संघर्ष को भूल जाने के लिए।


तू रूठा, रूठा सा लगता हैं,

कोई तरकीब बता, मनाने के लिए।

तेरी मुस्कान की किरणों से,

मेरी दुनिया को सजाने के लिए।


मैं खुद को छिपाऊंगा तेरे हंसने के लिए,

तेरे मुस्कान को पाने के लिए।

तेरी खुशियों में मेरा जीना है,

तेरे साथ हर ग़म भूलाने के लिए।


मैं खुद को छिपाऊंगा तेरे ख्वाबों में,

तेरे मुस्कान को पाने के लिए।

तेरे प्यार में ही मेरा सारा सच,

तेरे साथ हर रोज़ मनाने के लिए।


तू रूठा, रूठा सा लगता है

कोई तरकीब बता, मनाने के लिए।

तेरी मुस्कान की चमक से ही,

मेरे दिल को खुशियों से भरने के लिए।


मैं खुद को गिरबान में रख दूंगा,

तेरे मुस्काने के लिए, जो मेरी रोशनी है।

तेरे साथ हर पल है सुख का सागर,

तू है मेरे जीवन की मीठी मुस्कान, मेरी पहचान का सहारा।


जीवन की धूप में तेरी मुस्कान,

एक चमकती किरण की भांति है।

हर ग़म को भुलाने का सहारा,

तेरे प्यार में मिलता है मन को आराम।


तू रूठा है, फिर भी तू मेरी ज़िन्दगी का हिस्सा,

तेरे बिना मेरी दुनिया अधूरी सी लगती है।

कोई तरकीब नहीं, बस तेरा साथ चाहिए,

तेरे मुस्काने के लिए, मैं हर कठिनाई सह सकूं।


हर अफसाने की उलझनों में,

तेरा साथ मेरी राहत बना रहे।

तू रूठा हो, पर तेरी मुस्कान की ख़ातिर,

मैं हर मुश्किल को पार कर जाऊं।


तेरे लिए मेरे दिल में स्थान है,

तेरी खुशियों के लिए हूँ मैं हमेशा तैयार।

तू रूठा हो, पर तेरी मुस्कान की ख़ातिर,

मैं हर तरह से तुझे मनाऊंगा, हर तरह से संवार।



हर रोज़ तेरी यादों में खोया,

तेरी मुस्कान की चमक में ही खोया हूँ।

तू रूठा है, लेकिन तेरा प्यार है मेरी पहचान,

तेरे बिना मेरा जीना बेमानी सा लगता है।


तू मेरी खुशियों का सच, मेरी सारी चाहतें,

तेरे बिना जीना अधूरा सा लगता है।

तेरी हंसी की ख़ातिर, मैं खुद को गिरबान में रखूंगा,

तेरे मुस्कराने के लिए, मैं हर ग़म को भूल जाऊंगा।





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