मुर्दा सीनों में
मुर्दा सीनों में
मुर्दा सीनों में इक दिन ये अहसास जगा देंगे,
जो सोये है वो जागेंगे, ऐसी आग लगा देंगे।।
भर लो सीने में चिंगारी, अब उनसे टकराना है,
घुटनों के बल दुश्मन को सरहद पार भगा देंगे।।
जो कुर्बान हुए सरहद पर, उनकी कसमें खाते है,
ऐसी हालत कर देंगे हम, खून के अश्क रुला देंगे।।
सीने में वो आग है भड़की, आँखें अंगारा है अब,
हाथ हुए अब खंजर उनके धड़ से शीश उड़ा देंगे।।
तूफाँ खून में उठता है अब, साँसो में बिजली भड़की,
दूर हटो आतंकी वरना पाकिस्तान मिटा देंगे।।
आज 'लकी' ना रोको मुझको, अपना देश बचाने है
दुनिया देखेगी हम उनका ऐसा हाल बना देंगे।।