निकल आ
निकल आ
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रहेगा कब तलक अन्दर निकल आ
नहीं है अब तेरा ये घर निकल आ
कटे जो बात तो फिर ठीक भी था
मगर कटने लगे है सर निकल आ
यहाँ घुटता रहेगा तू हमेशा
तेरे लायक नहीं ये दर निकल आ
तेरे अपने नहीं है ये समझ ले
है उनके हाथ में खंजर निकल आ
तुझे पागल बना देगें यक़ीनन
मुझे तेरा यही है डर निकल आ
न समझे है न समझेगें कभी वे
ज़हर के घूटँ को पीकर निकल आ
मुझे मालूम है मुश्किल बहुत है
लकी कैसे भी कर तू पर निकल आ।