सैनिक
सैनिक
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मुर्दो सीनों में एक दिन ये अहसास जगा देगें,
जो सोयें है वो जागेगें,ऐसी आग लगा देगें।
भर लो सीने मे चिगांरी,अब उनसे टकराना है,,,,
घुटनों के बल दुश्मन को हम सरहद पार भगा देगें।
जो कुर्बान हुए सरहद पर,उनकी कस्मे खाते हैं
ऐसी हालत कर देगें हम,खून के अश्क रूला देगें।
सीने में वो आग है भड़की,आखें अगांरा है अब,
हाथ अब अब खजंर अपने धड़ से शीश उडा देगें।
तूफाँ खून मे उठता है अब, सासोँ मे है बिजली भडकी,
दूर हटो आतकीं वरना तुमको आज मिटा देगें,
आज 'लकी' ना रोको मुझको, अपना देश बचाना है
दुनिया देखेगी हम उनका ऐसा हाल बना देगें ।
