STORYMIRROR

मुझको मेरा कहने वालों

मुझको मेरा कहने वालों

1 min
293


मुझको मेरा कहने वालों, दिल में भी कुछ जगह रखो

बन जाऊँ मैं मीत तुम्हारा, ऐसी भी कुछ वज़ह रखो।


द्वेष-कपट रख अपने मन में, कहते हो तुम मेरे हो

लाभ स्वयं का देख अरे ! तुम, चहुँओर मुझे घेरे हो।


बात बनेगी तभी हमारी, मेरी बातें सुन लो ये-

मेरी इच्छा जैसी होगी, मुझको तुम उस तरह रखो।


मुझको मेरा कहने वालों, दिल में भी कुछ जगह रखो।

एकमात्र दौलत पाने को, करते हो तुम प्यार मुझे

झूठ-मूठ का दिखावटी बस, करते हो इज़हार मुझे।


मुझे असलियत पता हुआ तो, क्या इज्जत रह जाएगी

इसीलिए कहता हूँ तुमसे, राम-राम की सुबह रखो

बन जाऊँ मैं मीत तुम्हारा, ऐसी भी कुछ वज़ह रखो।


अरे ! सफलता ख़ातिर तुमने, औरों पर बन्दूक रखी

रहे भूख से कई तड़पते, तुमने यह जो भूख रखी।


लाख तरक़्क़ी कर लो जग में, लेकिन ज़्यादा उड़ो नहीं-

भले गगन की सोचो लेकिन, अपने नीचे सतह रखो

मुझको मेरा कहने वालों, दिल में भी कुछ जगह रखो।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational