Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

व्योम

व्योम

1 min
637


नहीं ओर है नहीं छोर है, 

सभी ओर है छाया व्योम। 

ईश्वर से वरदान रूप में,

विस्तृत तन है पाया व्योम


सूरज-चाँद-सितारे सारे

नभ के बच्चे प्यारे-प्यारे।

विचर-विचर कर क्रीड़ा करते 

निशिवासर या साँझ-सकारे। 


नक्षत्रों को स्वयं समेटे, 

मान पिता का पाया व्योम।

ईश्वर से वरदान रूप में,

विस्तृत तन है पाया व्योम।


हो जिसका पुत्र अंशुमाली 

कौन उसे दे सकता गाली ?

पूरब-पश्चिम,उत्तर-दक्षिण

चार भुजा जिसकी बलशाली।


अपने अरबों पुत्रों से ही,

शक्तिमान बन आया व्योम।

ईश्वर से वरदान रूप में,

विस्तृत तन है पाया व्योम।


दिन में लाता है सूरज को

काली रात्रि अत्रिनेत्रज को।

और साथ में लाते अपने-

झिलमिल मुक्ता सदृश नखत को। 


मुझको तो लगता है जैसे,

ईश्वर की हो माया व्योम। 

ईश्वर से वरदान रूप में,

विस्तृत तन है पाया व्योम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract