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Aishani Aishani

Fantasy

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Aishani Aishani

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मुझे मिल जाए जादुई चराग़..!

मुझे मिल जाए जादुई चराग़..!

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मिल जाये जो मुझे जादुई चिराही 

देखते निकल आये उसमें से 

खूबसूरत सी बाला जिन्न लोक की मल्लिका

जो कहलाती हो जिन्नी 

सोच रही हूँ तो क्या माँगूगी उससे मैं..! 


क्या चाहिए मुझे

दौलत / शौहरत / गाड़ी / बंगला /

जहां भर की मिलिकियत 

या फिर... 

वो जादुई शक्ति जिसे पाकर 

मैं जो चाहूँ वो कर सकूँ..! 


क्या.. 

क्या माँगू क्या चाहिए मुझे..! 

क्या मैं असमंजस में हूँ 

क्या चाहिए क्या माँगू..? 

नहीं.. ! नहीं..! 

कदापि नहीं..! 


मुझे चाहिये मेरे देश की उन्नति

खुशहाली / सम्पन्नता / 

जहां भर में उसका सम्मान

देश को गरीबी और भूखमरी से निजात

मेरे गाँव / समाज की समृद्धि 

शिक्षित और प्रज्ञावान भविष्य

आतंकवाद एवं आतंकी से मुक्ति

स्वस्थ एवं सम्पन्न समाज 


और.. 

 रामराज्य की पुनः स्थापना..! 

काश..! 

मुझे मिल जाये कोई जादुई चराग़...! 

फिर तो बुला लूँगी मैं जिन्न को

और बनाऊँगी अपने देश को

सवारूंगी उसके उज्जवल भविष्य को

और बनेगा वह पुनः विश्व गुरु...!


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