मुझे मेरी वो मल्लिका चाहिए
मुझे मेरी वो मल्लिका चाहिए
मेरी शहजादी..
उसके चहेरे पर एक बिंदी चाहिए,
आंखो में उसके काजल चाहिए
वो चाहे न करे श्रृंगार बहुत सारा,
पर मुझे उसकी आंखो पर पहरा रखने वाला
उसकी खुबसूरती को थोड़ा और बढ़ाने वाला
एक चश्मा भी चाहिए और
हां मै उसको देखते जाऊं
बस मुझे उसके कानों में वो प्यारा सा झुमका भी चाहिए।।
उसके झुमके को हवाओं के पहरे से
छुपाते मुझे वो जुल्फे भी चाहिए
और उसकी सुंदरता को थोड़ा और
सजाने के लिए छन छन करती मुझे
वो पायल की झंकार भी चाहिए,
उसके हाथो को थोड़ा ओर खूबसूरत बना दे
मुझे उसके वो मेंहदी वाले हाथ भी चाहिए
और मेरे इश्क को उसके रंग में रंगा दे
मुझे उसकी मांग में वो सिंदूर भी चाहिए,
मुझे बस एक ऐसी मेरी सपनों वाली शहजादी चाहिए।।