मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
मेरे भूतकाल के अनुभव से, मेरे दैनिक जीवन से
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
उन सुंदर फूलों से, जो चारो ओर खुश्बू फैलाते है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
उन चाँद-सीतारो से, जो अंधेरे में उजाला फैलाते है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
उगते और ढ़लते सूरज से, जो नई सुबह आने का संदेश देता है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
समुद्र की लहरों से, जो बूँद बूँद मिल कर इतना विस्तृत बना है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
बारिश की गीली मिट्टी और उसकी खुश्बू से, जो मन को सुकून देती है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
आसमान में निकले इंद्रधनुष से, जो हर रंग का महत्व समझाता है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
नदियों से, जो कभी रुकती नहीं है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
हवाओं से, जो परिस्थिति के अनुकूल खुद को ढाल देती है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
पैड-पौधों से, जो पतझड़ में पत्ते गिरने से भी नहीं कतराते
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
उन झरनों से, जो हरदम बहते रहते है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
उन ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से, जो हर हाल में पथ नहीं बदलते
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
उन पशु-पक्षियों से, जो निःस्वार्थ प्यार देते है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
धरती माँ से, जो कितना कुछ सह जाती है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
उन बादलों से, जो तपती धुप में छाॅंव देते है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिली थी
उन वाद्य यंत्रों से, जो हर उदास मन को ख़ुशी और सुकून देते है
मुझे लिखने की प्रेरणा मिलती है
कुदरत की बनाई हर एक चीज़ से
हर एक उलझते-सुलझते मनुष्य से
अपनी परिस्थितियों से, अपनी कल्पनाओं से
जो भी दिलों-दिमाग मे सूझता है
शब्दो मे परिवर्तित कर देती हूं
बस यही सब मेरी प्रेरणा है
जो मुझे कलम उठाने पे मजबूर कर देती है।।