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Rahul Raj

Romance

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Rahul Raj

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मुद्दतों बाद आज मैं

मुद्दतों बाद आज मैं

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मुद्दतों बाद आज मैं, देखो उनसे टकराया।

इन कांपते होंठों से, दिल का हाल सुनाया।।


क्या कहूँ, कैसे कहूँ! या घोंट जाऊं लफ्ज सारा।

बड़ी उलझन में पडा था, मेरा ये दिल बेचारा।।

कर के कई जतन मैंने, दिल को फिर समझाया।

मुद्दतों बाद आज मैं, देखो उनसे टकराया।।

इन कांपते होंठों से, दिल का हाल सुनाया।।


आंखें नीची, बोली धीमी! बातें भी पुरानी थी।

कर के हिम्मत कैसे भी, आज उन्हें सुनानी थी।।

पर मुखर उनसे आज भी, देखो ना मैं हो पाया।

मुद्दतों बाद आज मैं, देखो उनसे टकराया।।

इन कांपते होंठों से, दिल का हाल सुनाया।।


लेकर मन में झिझक, वो उन्हें छूने की ललक।

कर के कोशिश ले गया, ये हाथ मैं उन तलक।।

पर अचानक नींद से, किसी ने मुझे जगाया।

मुद्दतों बाद आज मैं, देखो उनसे टकराया।।

इन कांपते होंठों से, दिल का हाल सुनाया।।


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