मटका
मटका
फ्रिज ने आकर रसोई में जगह बनाई
और मटका हुआ कोने में
किन्तु भैया, मटके का पानी अमृत है
मिट्टी की इसमें सुगंधी भरी है,
गुण में नहीं इसका कोई भी सानी।
शहर में इसे पूछे न कोई पर
गाँवों में है इसकी धाक पुरानी।
मटके का पानी गला न दुखाए,
हो गंदगी तो तले में छुपाए,
रोज बिजली का रोना है फ्रिज के संग
मटके को चाहिए बस एक कोना
उसमें ही खुश हो कर ये तन मन में
भर दे नई ताजगी
सच भैया मटके का पानी अमृत है।
