STORYMIRROR

Sujata Khichi

Inspirational

4  

Sujata Khichi

Inspirational

मटका

मटका

1 min
251

फ्रिज ने आकर रसोई में जगह बनाई

और मटका हुआ कोने में 

किन्तु भैया, मटके का पानी अमृत है 

मिट्टी की इसमें सुगंधी भरी है,

गुण में नहीं इसका कोई भी सानी।

शहर में इसे पूछे न कोई पर 

गाँवों में है इसकी धाक पुरानी।

मटके का पानी गला न दुखाए,

हो गंदगी तो तले में छुपाए,

रोज बिजली का रोना है फ्रिज के संग 

मटके को चाहिए बस एक कोना 

उसमें ही खुश हो कर ये तन मन में

भर दे नई ताजगी

सच भैया मटके का पानी अमृत है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational