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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Tragedy

मृत्युभोज एक कुरीति

मृत्युभोज एक कुरीति

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जिसका मन बहुत दुःखी है जिसका तन बहुत दुःखी है

वहां पर भोजन करके हम,क्यो करे उसे और दुखी है

गीता में श्री कृष्ण ने कहा हैदुःखी शख्स का अन्न तो क्या

वहां पानी पीना भी गुनाह है मृतक-परिवार डूबा शोक में

हमे ले रहे मजे मृत्यु भोज में वाकई में सच्चे रिश्तेदार होते

आंसुओ से अपना चेहरा धोते करते उसकी आर्थिक मदद,

उसके आंसुओ से दुखी होते पर ये कुरीति छाई समाज मे

मृत्युभोज करवाकर उससे,कर्ज की पाई दी समाज मे

ये मृत्युभोज बंद होना चाहिये सभी को कर्जमुक्त होना चाहिये

खिल उठेगी फिर कली ऊसर में,ये कुरीति का दाग मिटना चाहिए

मृतक के नाम की मोसर राशि,पुण्य काम में दान देनी चाहिये !


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