मर जाये जाने कितने फौजी
मर जाये जाने कितने फौजी
किसी को सरकार की जरुरत
किसी को है आकार की जरुरत
मर जाये जाने कितने फौजी
बस हमें हैं अपने काम की जरुरत।
किसी को कुर्सी की जरुरत
किसी को है अपनों की जरुरत
मर जाये जाने कितने फौजी
बस हमें हैं अपने काम की जरुरत।
कुछ लोग कहते हैं
आतंकवादी ने नहीं मारा
उन्हें तो वार ने मारा हैं
उन्हें कुछ नहीं मालूम
बस वो चर्चित होना चाहते हैं।
मर जायें जाने कितने फौजी
बस हमें हैं अपने काम की जरुरत
कुछ लोग जनता को फुसलाकर
बहकाकर वोट बैंक बनाना चाहते हैं।
किसी को कुछ नहीं पता
हम क्युँ बहक जाते हैं
मर जाये जाने कितने फौजी
बस हमें अपने काम की जरुरत।।