मोहल्ले की लड़की
मोहल्ले की लड़की
मोहल्ले की लड़की है लाइक मुझको करती है,
कहती है आओ प्यार लेके जाओ,
मुझे उसे मिलने की ताकत नहीं है,
मोहल्ले की लड़की है लाइक मुझको करती है
उसका जो बाप है आस्तीन का सांप है,
घोंसला बना शाला बना नागराज है,
मोहल्ले की लड़की है लाइक मुझको करती है
इतने दिनों से मैं था अकेला,
मिली भी तो शाली उसका बाप येरा।
वो तो शाला ठर्की है सुन्दर उसकी लड़की है,
कैसे मैं खाऊ देवा लड्डू और पेंरा ।।
मोहल्ले की लड़की है लाइक मुझको करती है
मुझे तुमसे विनती उसे लेके जाओ,
तू भी ना जदा भाव दिखाओ।
उसे जब भी देखता हूं मुझे डर लगता है,
जल्दी से उसका जनाजा उठाओ।।
मोहल्ले की लड़की है लाइक मुझको करती है
हम तो निकाल गए उसे बड़ा ठर्की
रात को फांद गए थे उसके घर की छर्की।
उसकी बेटी बैठी थी मेरे इंतजार में,
डूब गए जाके उसके ही प्यार में।
रात शाली छोटी थी सुबह जल्दी हो गई,
सुबह होते ही जनाजा निकला कार में
मोहल्ले की लड़की है लाइक मुझको करती है।