विशेष राज्य का दर्जा।
विशेष राज्य का दर्जा।
बिहार में बाहर है नीतिश कुमार है,
इतनी हसीन खुशहाली है,
विशेष राज्य की दर्जा जैसे,
लगती मुझ को शाली है...२
दिन - दोगुना, रात - चौगुना
बिहार कागजों में बढ़ रहा,
बिना किताब के भी आज
सारा बच्चा पढ़ रहा,
नाहर - नाले सुख गए,
फिर भी खेतों में हरियाली है,
विशेष राज्य की दर्जा जैसे,
लगती मुझ को शाली है....२
बहुत बड़ा अत्याचार हुआ है
गरीबों पर ये वार हुआ है,
बंद कारखाने तो खैर बंद थे,
पर चलती होटलों का शिकार हुआ है,
बारे प्यार से इसने हमारे सीने
पर चाकू डाली है,
विशेष राज्य की दर्जा जैसे,
लगती मुझ को शाली है.....२
रिश्वतखोरों का चला है धंधा,
कानून के गले में ढाला है फंदा,
पैसों से यहां नौकरियाँ बेची जाती है,
सुशासन के दर पर छोकरियां
बेची जाती हैं,
इतना हुआ विकास की
आम जनता के जेब खाली है,
विशेष राज्य की दर्जा जैसे,
लगती मुझ को शाली है......२
