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Raju Kumar

Abstract

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Raju Kumar

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सत्ता की हवश

सत्ता की हवश

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बिहार में त्राहिमाम सा मंज़र हैं,

बलात्कारियों द्वारा घोपा गया मशुमो पर ये खंजर हैं...२

फिर भी सुशासन के राजनेता अपने हाथ पे हाथ डाल बैठे हैं,

इनको मोहब्बत नहीं हैं बिहार से,

ये तो सिर्फ सत्ता के हवाश पाल बैठे हैं....२


जिस्म के सौदागरों का साथ दे रहे हैं शान से ,

अगली कुर्सी फिर मिल सके इसी अरमान से....२

बेवफा कुर्सी के लिए गुनाहगारों का दामन थाम बैठे हैं,

इनको मोहब्बत नहीं हैं बिहार से,

ये तो सिर्फ सत्ता के हवाश पाल बैठे हैं....२


खून खौल गया हैं सुनकर आग लगी हैं सीने में ,

शर्म आ रही हैं अब हमे बिहारी होकर जीने में...२

फिर भी सुशासन के राजनेता अपने आंखो पे पट्टी डाल बैठे हैं,

इनको मोहब्बत नहीं हैं बिहार से,

ये तो सिर्फ सत्ता के हवाश पाल बैठे हैं....२


फांश गया बिहार हैं अब गुनाहगारों के दस्तानों में,

रेप हो रहे हैं रोज सरकारी संस्थानों में...

फिर भी सुशासन के राजनेता अपने हाथ पे हाथ डाल बैठे हैं,

इनको मोहब्बत नहीं हैं बिहार से,

ये तो सिर्फ सत्ता के हवाश पाल बैठे हैं....२


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