STORYMIRROR

Fardeen Ahmad

Abstract Drama Romance

4.0  

Fardeen Ahmad

Abstract Drama Romance

मोहब्बत

मोहब्बत

1 min
166


मोहब्बत में शिद्दत तो थी 

और जुनून भी था 

पर यार...

कभी सुकून न था।


देख के उसे दिल की धड़कन तेज़ हो जाती थी

और जो न देखूँ तो उसकी याद बड़ा सताती थी 

अब प्यार तो करने ही लगा था 

जल उठता था जब वो प्यार किसी और से जताती थी।


दिल तो बहुत कुछ करवा लेता था 

वो रूठे तो मना लेता था

वो जाए तो बुला लेता था 

वो रोये तो हँसा देता था 

वो सोये तो सुला देता था 

मायूसी में प्यार जाता लेता था 

वो जले तो और जला देता था।


सुकून की तलाश में चला था मैं

जुनून की फ़िराक़ में पिघला था मैं

मोहब्बत के बाज़ार में यूँ ही

इश्क़ के हिजाब में निकला था मैं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract