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MOHIT BHASIN

Romance

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MOHIT BHASIN

Romance

मोहब्बत की इबादत

मोहब्बत की इबादत

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कोई समां ऐसा भी हो , जहां इंसानों की भीड़ न हो

इश्क की जहां इबाबत हो, मोहब्बत को जहां पढ़ा जाए

कोई वो जहां भी तो लाओ यारों, जिस जहां का ख्याल ऐसा हो।


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