मोहब्बत की इबादत
मोहब्बत की इबादत
कोई समां ऐसा भी हो , जहां इंसानों की भीड़ न हो
इश्क की जहां इबाबत हो, मोहब्बत को जहां पढ़ा जाए
कोई वो जहां भी तो लाओ यारों, जिस जहां का ख्याल ऐसा हो।
कोई समां ऐसा भी हो , जहां इंसानों की भीड़ न हो
इश्क की जहां इबाबत हो, मोहब्बत को जहां पढ़ा जाए
कोई वो जहां भी तो लाओ यारों, जिस जहां का ख्याल ऐसा हो।