STORYMIRROR

MOHIT BHASIN

Inspirational

4  

MOHIT BHASIN

Inspirational

साहस का परचम

साहस का परचम

1 min
295

लहराते हुए तिरंगा अपना वो वीर कहलाते हैं

जिन्होंने सरहदों पर दी अपनो की कुर्बानी थी।


तिरंगे में लिपटा जिनका मृत शरीर वीरता को पूछ रहा था।।

हैं माटी के लाल ऐसे जिनका कर्तव्य कुछ बोल रहा था।।।।


लहू से लिपटी हुयी इन वीरों की ये सच्ची कहानी थी।

अपना शरीर त्यागकर ये आजादी मुफ्त में न पानी थी।।

 

मत पूछ कि कितने मिटे कितने बचे सच पूछो तो जंग की हर वो कीमत चुकानी थी।।।।

मेरे भारत पर आंच न आ सके इसलिए कूद गए जंग में मेरे वतन के सिपाही ।


उनके खून का एक एक कतरा अपनी आजादी की निशानी थी।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational