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उनके खून का एक एक कतरा अपनी आजादी की निशानी थी।। उनके खून का एक एक कतरा अपनी आजादी की निशानी थी।।
हो जाओ निष्ठुर विरुद्ध उनके, खींचे जो तुझे तनिक भी स्वयं के आडंबर से ।। हो जाओ निष्ठुर विरुद्ध उनके, खींचे जो तुझे तनिक भी स्वयं के आडंबर से ।।
कोई समां ऐसा भी हो , जहां इंसानों की भीड़ न हो। कोई समां ऐसा भी हो , जहां इंसानों की भीड़ न हो।
इतना समझ ले ’है काफी’ जो निकले तेरी ’रूह से’ , उसे अपना मजहब बनाना। इतना समझ ले ’है काफी’ जो निकले तेरी ’रूह से’ , उसे अपना मजहब बनाना।
ठहरा हूं हर शाम , सुबह के आगाज में वक्त की गर्दिशों में, शामिल हूं हर लिहाज से। ठहरा हूं हर शाम , सुबह के आगाज में वक्त की गर्दिशों में, शामिल हूं हर लिहाज स...
हर बात पर जुल्म करते है और हर शाम नदारद रहते हैं। हर बात पर जुल्म करते है और हर शाम नदारद रहते हैं।