मोहब्बत की गजल
मोहब्बत की गजल
मेरी जिंदगी को किनारा दिया है
मोहब्बत ने सच में सहारा दिया है
वीरानी सी छाई थी आंखों में मेरी
मिला हाथ दिलकश नजारा दिया है
इस आवारगी को जुदा करके साथी
मुझे तुमने जीवन ये प्यारा दिया है
मेरे इस ह्रदय की जाँ बंजर जमी को
तुम्ही ने तो मौसम बहारा दिया है
करूँ जाप पूजा भजन व्रत में रब के
जो मुझे हाथ जानम तुम्हारा दिया है
मेरा हाथ हाथों में अपने जाँ लेकर
मुझे प्यार जाँ ढेर सारा दिया है
नही मैं रहा अब पुराना ऋषभ वो
मुझे यह तो जीवन दुबारा दिया है