मोहब्बत के हैं ये किस्से
मोहब्बत के हैं ये किस्से
कैद हुईं थी निगाहें जिससे
मोहब्बत के हैं ये किस्से।
हसीन सा वो पल मानो बस हुआ ही था कल,
मिली जो उनसे नज़र मानो देखा कोई झर-झर।
मीठी सी वो बातें मानो कल-परसों की रातें,
अब सपनों में बस आती मानो कुछ कहना है चाहती।
अब मैं कुछ सुनूँ और वो कुछ बोले,
बात कोई प्यार वाली खोले,
अधूरी कहानी पूरी करले मानो सपनों में मेरा दिल बोले।
वो कल वो रातें वो बातें,
हसीन पल फिर होता अब होती जब सपनों में मुलाकातें।