STORYMIRROR

Harsh Singla

Romance

3  

Harsh Singla

Romance

सपने अब नहीं आते

सपने अब नहीं आते

1 min
12K

देर रात तक होने लगी थी मुलाकातें,

करने लगे थे फिर से मीठी-प्यारी बातें।

वो कुछ बोलती और मैं वो सुनता,

किस्सा कोई प्यार का बुनता।

धीरे-धीरे बातें बढ़ने लगी थी,

वो भी सीढ़ी प्यार की चढ़ने लगी थी।

जो कभी न हुआ वो भी होने लगा था,

प्यार थोड़ा-थोड़ा उसको भी मुझसे होने लगा था।

हुआ एक दिन ऐसा फिर रूह मेरी ठठोली,

इज़हार करके प्यार का वो दूर जाने को बोली।

खुल गयी नींद तभी टूट गया ख़्वाब,

उसने जैसा बोला हुआ दूरी का हिसाब।

अब न होती बातें न मुलाकातें,

क्या रास्ता अंजान हो गया नींद का,

जो ये सपने अब नहीं आते।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance