मोबाइल फोन
मोबाइल फोन
फोन का ये मायाजाल, चारो ओर है बवाल
जिसे देखो उसे आज, फोन ही चलाता है।
शादी शुदा नारी हो, या बालब्रह्मचारी हो
छोटे छोटे बच्चों को भी, मोबाइल भाता है।
ज्ञान सभी दे रहे है, ज्ञान सभी ले रहे है
ज्ञान की ये गंगा अब, बच्चा भी बहाता है।
कोरोना जो चल रहा, मन ये मचल रहा
फोन बिना जग सारा, सूना पड़ जाता है।।
फोन पर पढ़ाई भी, फोन पर लड़ाई भी।
फोन से ही दुनिया, आज चली जा रही।
होटल है बंद सारे, जनता चटोरी, हाँ रे
फोन पे आर्डर कर, भोजन मंगा रही।
टिकटोक भी चलाते, उत्सव भी है मनाते
फ़िल्म, टीवी, दुनिया, फोन पे चला रही।
एक दिन नेट बन्द, लगे बची सांसें चन्द
ज़िंदगी हमारी फिर, कम लगी जा रही।
