मोबाइल में शोर
मोबाइल में शोर
मोबाइल तो silent हैं मेरा पर,
दिल की धड़कनों में शोर है।
हम छह साल से अजनबी हैं पर
इस मोबाइल से बंधा हमारा डोर हैं।
वो Hi करें और मैं Reply करूँ,
ऐसी ही दोनों में कुछ सोच हैं।
हर बार की तरह आज फिर,
एक नए बहाने की खोज हैं।
रातें सो रहीं हैं सन्नाटों में,
पर नये नये ख्वाब जग रहे हैं।
Online हम दोनों ही है पर,
बातें करने में हिचक रहें हैं।
बातों की रातों का कारवां,
कुछ यूँ ही चलता रहा।
नासमझ सा दिल था जो,
उनके प्यार में मचलता रहा।
दिल हमारा खिलौना बन गया,
खेलने में वो बड़े माहिर थें।
जिंदगी में मंजिल बनाया था,
पर आज हम ही मुसाफिर थे।
ख्वाबों में जो चेहरा बनाया था,
वो हकीकत में कोई और है।
आज दिल Silent हैं मेरा पर,
मोबाइल में बडा़ शोर हैं।