मोबाइल चालिसा
मोबाइल चालिसा
जय मोबाइल बाबा, जय नेट देबा,
जय इंटरनेट, जय मोबाइल बाबा,
जब मोबाइल, तू हात आबे,
भूख प्यास सब मिट जाबे ,
जब तुझे देखबे, तुझ में डूब जाबे,
अपने अपने सपनों में,
सब खो जाबे ,
खुद में खुद सब फंस जाबे ।
तू तो ऑलराउंडर होबे,
तू सबको ज्ञान बांटबे,
बच्चों से बूढ़े तक ,
सबको पाठ पढ़ाबे ,
तेरे से ज्ञानी, अमृत पाबे ,
अज्ञानी तुझ में जहर फैलाबे,
बच्चे जब तुझे धरबे,
खाना पीना सब भूल जाबे,
किसी के बात ना शुनिबे,
तब माता प्रार्थना करबे,
और गुस्से में बोलबे,
ए मोबाइल तेरे सत्यानाश होबे ।
तू सारा संसार को जोड़बे ,
तेरे लिए सारे काम सफल होबे,
सारे समस्या का समाधान तू होबे,
तू ही जीबन को साकार बनाबे ,
दिल से दिल को तू ही जुड़बे,
दिल से दिल को तू हि तोड़बे,
तू ही दूसरों के घर बसाबे,
तेरे लिए भी घर तोड़ जाबे ,
जोड़बे तोड़बे, तोड़बे जोड़बे,
तू ही सब अनोखी काम करबे।
समझदार जने तुझसे, मेवा पाबे,
नासमझ जने तुझसे, सजा पाबे,
तू ही सदा सबके , साथ देबे ,
तू ही सुख दुख के साथी होबे,
तुझे दिन रात , सब धरबे,
सब तुझे ही , प्यार करबे,
तेरे महिमा अपरंपार होबे,
सारे जगत तेरे भगत होबे,
ज्ञान, ध्यान, भजन, कीर्तन,
जोग, शास्त्र, मनोरंजन,
सब कुछ तुझसे ही पाबे,
तू हो गया है, देबा से बी बड़ा देबा,
सदा तेरे सामने, नजर झुकबा,
तेरे महिमा का क्या कहबा ,
जय मोबाइल बाबा, जय नेट देबा,
जय इंटरनेट, जय मोबाइल बाबा।