STORYMIRROR

SUSMITA MISHRA

Others

4  

SUSMITA MISHRA

Others

कैसे पहली है

कैसे पहली है

1 min
288

--

ओ किशन, ओ किशन,

तू तो हो पूर्ण भगवन,

फिर भी तेरे, कैसा हे जीवन ?

कभी गोप, कभी वृंदावन,

कभी द्वारिका, कभी बृजधाम,

कैसा हे तू, ओ घनश्याम,

टिके नेहि तू एक ही धाम,

ओ घनश्याम, ओ घनश्याम।

सबको पूरा जहाँ मिलता,

जिसे जो चाहे उसे वो मिलता,

आ के तेरे चरण ,

   करके तेरे मनन,

पर सब कुछ तुझे मिला,

आधा आधा, आधा आधा,

माँ का प्यार पूरा ना मिला,

ना मिला प्रेयसी राधा,

कैसे पहेली हे तेरे जीवन ?

सुलझे ना तेरे करम ?

ओ घनश्याम, ओ घनश्याम।

ना मिला तुझे एक ही धाम,

थक गये तू जा जा के,

  धाम से धाम, धाम से धाम,

हो के तूने इतने धाम,

थके हारे शो गये,

  शिआली लते के तले,

कैसे शबर ने मार दिए बाण?

कैसे शरीर हो गये निष्प्राण ?

तू कैसा हे भगवान,

   तू कैसा हे भगवान ?

ओ घनश्याम, ओ घनश्याम।

तू हो के पूर्ण भगवन,

फिर भी तेरे कैसा हे जीवन ?

ओ किशन, ओ किशन,

  ओ किशन, ओ किशन।



Rate this content
Log in