मंत्र मुग्ध
मंत्र मुग्ध
तेरी कही अनकही बातों में
मंत्र मुग्ध सी मैं।
जीवन उल्लास हर पल तुमसे
मंत्र मुग्ध सी मैं।
कुछ सपनों सी कुछ अपनों सी
मंत्र मुग्ध सी मैं
तुम्हारी नशीली आँखों जैसी
मंत्र मुग्ध सी मैं।
तुम पर्वत विचलित मेरा मन
मंत्र मुग्ध सी मैं।
दिल दरिया तुम सागर
मंत्र मुग्ध सी मैं।