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Dr. MULLA ADAM ALI

Inspirational

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Dr. MULLA ADAM ALI

Inspirational

मंज़िल बुला रही है

मंज़िल बुला रही है

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मंज़िल दूर है, पर हौसला क़ायम है,

हर ठोकर में भी छुपा कोई पैग़ाम है।

रास्ते कठिन हैं, धूल भरे वीरान,

पर सपनों की आँखों में है रोशन जहान।


कभी अंधेरे मिलते हैं, कभी उजास,

कभी थकन कहती है — "अब तो हो चला पास।"

पर दिल की आवाज़ कहती है साफ,

"चलते रहो, यही है असली इंसाफ़।"


मंज़िल कोई ठिकाना नहीं बस,

वो तो है हर पल की कोशिश का रस।

हर हार में छुपा होता है एक सबक,

हर मोड़ पर मिलता है खुद से फ़लक।


मंज़िल तब मिलती है जब खो जाएं हम,

रास्ते बनते हैं जब हो सच्चा दम।

कदम थकते हैं, मन डगमगाता है,

पर मंज़िल का सपना फिर भी मुस्कराता है।


चलो, फिर उठाओ उम्मीद की पतवार,

मंज़िल बुला रही है — है तैयार?


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