STORYMIRROR

Dr. MULLA ADAM ALI

Inspirational

4  

Dr. MULLA ADAM ALI

Inspirational

काँच की दीवारों में कैद जीवन

काँच की दीवारों में कैद जीवन

1 min
312

काँच की दीवारों में कैद है अब जीवन,

भीड़ में रहकर भी है हर दिल अकेला मन।

मोबाइल की स्क्रीन में खो गई है बात,

आँखों से आँखों की वो सच्ची मुलाकात।


हर पल की है जल्दी, हर साँस में दौड़,

पर भीतर से है खाली, जैसे टूटी हो डोर।

विज्ञान ने दिए हैं सुविधा के साधन,

पर छीन लिए अपनापन, रिश्तों के बंधन।


बचपन अब खेलता नहीं मिट्टी में,

वो भी उलझा है किसी ऐप की लिपटी में।

चिड़ियों की चहचहाहट अब सुनाई कहाँ देती है,

कानों में तो बस नोटिफिकेशन बजती है।


प्रकृति पुकारती है, पर हम सुन नहीं पाते,

शहर की चकाचौंध में सब स्वर खो जाते।

धुआँ, ट्रैफिक, भागमभाग की कहानी,

आधुनिक जीवन है, पर बहुत कुछ है बेमानी।


आओ ज़रा रुकें, साँस लें गहराई से,

थोड़ा जिएँ खुद के लिए सच्चाई से।

तकनीक ज़रूरी है, पर दिल भी ज़रूरी,

वरना ये जीवन रह जाएगा अधूरी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational