ईश्वर का संदेश
ईश्वर का संदेश
जब टूटने लगे हौसले, थमने लगे पाँव,
तभी आता है ऊपर से कोई मधुर आवाज़।
कहता है — “मत डर, मैं तेरे साथ हूँ,
हर अंधेरी रात के बाद एक नई भोर का साथ हूँ।”
भगवान का संदेश होता है बड़ा सरल,
न मंदिर, न मस्जिद — बस मन से कर ले ग़ुज़ारिश सरल।
वो कहता है — “प्यार बाँट, द्वेष नहीं,
मदद कर, मगर दिखावा कहीं नहीं।”
"हर जीव में मैं हूँ, हर दिल मेरा घर है,
जो करे सच्चाई से प्रेम, वही सबसे बेहतर है।"
“छोटी-छोटी बातों में मत उलझ,
हर दिन एक नई शुरुआत कर, खुद से सुलझ।”
वो बताता है — “करम ही पूजा है सच्ची,
भाषा, जात, मज़हब से बड़ी है भावना सच्ची।”
“हर आँसू पोछ, हर भूख मिटा,
तेरी सेवा में ही है मेरा पता।”
भगवान का संदेश है — “मनुष्य बनो महान,
प्यार, सहनशीलता और दया रखो अपने प्राण।”
“मैं वहीं हूँ, जहाँ मन हो निर्मल,
जहाँ हो सच्चा प्रेम, और आत्मा में उजास संबल।”
