सफर है जीवन
सफर है जीवन
सफर है जीवन, रुकना नहीं,
हर मोड़ पे मिलती है नई सी कहानी।
कभी धूप में तपता है रास्ता तन्हा,
कभी छाँव में मिलती है राहत की धुन सा।
कुछ लोग मिलते हैं मुसाफ़िर बनकर,
कुछ साथ चलते हैं, कुछ छूटते रहकर।
हर स्टेशन पर कोई याद उतर जाती है,
हर मंज़िल से पहले एक चाह रह जाती है।
चलते रहो तो रास्ते भी गीत गाते हैं,
खामोश पथ भी कभी दोस्त बन जाते हैं।
गिरो, संभलो, फिर चलो, यही है रीत,
सफर में ही छुपी है ज़िंदगी की प्रीत।
मंज़िलें ज़रूरी हैं पर सफर भी कम नहीं,
रास्तों की धूल में भी सपने थमे नहीं।
हर पड़ाव सिखाता है कुछ नया,
सफर है तो जियो, मत पूछो क्यों भला।
