हौसला-सा आसमान में, डोर उम्मीद से था जुड़ा मैं । हौसला-सा आसमान में, डोर उम्मीद से था जुड़ा मैं ।
जिन लोगों के सपने, ज़िन्दगी से बड़े रहते हैं...! जिन लोगों के सपने, ज़िन्दगी से बड़े रहते हैं...!
जो हार तू समझ बैठा, उस लड़ाई को तू जीत । जो हार तू समझ बैठा, उस लड़ाई को तू जीत ।
अकेले ही चलना है, ठान लिया है...! अकेले ही चलना है, ठान लिया है...!
तू हमें क्या डराएगा, अब तो तू ही भाग जाएगा। तू हमें क्या डराएगा, अब तो तू ही भाग जाएगा।
कहतें हैं की उम्र और बुद्धि की कभी भेंट नहीं होती क्योंकि उम्र रास्ते तलाशती है और बुद्धि मंजिल. कहतें हैं की उम्र और बुद्धि की कभी भेंट नहीं होती क्योंकि उम्र रास्ते तलाशती है ...