दृढ़ संकल्प
दृढ़ संकल्प
इंसान कहे करोना से तू क्या रौंदे मोय,
एक दिन ऐसा आएगा मैं रौंदूंगा तोय।
मेरे पास मास्क है, वैक्सीन है मेरा इम्यून सिस्टम मजबूत है,
तेरे पास क्या है? सिर्फ लोगों की बद्दुआ है।
तू तो अब पानी में एक बुलबुले के समान है,
जो एकदम उठता है और खत्म हो जाता है।
मुट्ठी भर इंसानों का खात्मा करके तू क्या सिकंदर बन गया है ?
तू हमसे नहीं मुकाबला कर सकता क्योंकि हम तो धुरंधर बन गए है।
तेरे हिस्से तो सिर्फ चार दिन की चांदनी और फिर अंधेरी रात है,
लेकिन हम सब मिलकर तेरा नाम औ' निशान जिंदगी भर के लिए मिटा देंगे।
यह धरती तो पावन है,जहाँ पर,
मांँ भगवती,कृष्ण, ईसा-मसीहा और राम ने अवतार लिया।
जहाँ तू भी देख ले हमारे पुराणों में सभी राक्षसों का अंत किया है अवतार लेकर,
तू हमें क्या डराएगा, अब तो तू ही भाग जाएगा।