प्रतिबद्धता
प्रतिबद्धता
पहले कदम को सोचकर,
माँ की दुआओं का असर,
पापा की मेहनत की कदर,
प्रतिद्वंद्वी का सम्मान कर,
आंधी हो या तूफान हो,
वो खड़े रहते हैं,
जिन लोगों के सपने,
ज़िन्दगी से बड़े रहते हैं।
आंखों में दृृढ़ता,
आत्म-विश्वासी दिलों से रहते हैं,
मस्तिष्क में हो योजना और,
कदम निरंतर चलते हैं,
कुछ भाव ऐसे ही लिए,
बस अड़े रहते हैं,
जिन लोगों के सपने,
ज़िन्दगी से बड़े रहते हैं।
चलने की ज़िद,
गिरकर सम्हलने की भी,
हिम्मत साथ हो,
साथी जो मांगे मदद,
सबसे पहले अपना हाथ हो,
कुछ अलग और दुनिया की,
सोच से परे रहते हैं,
जिन लोगों के सपने,
ज़िन्दगी से बड़े रहते हैं।
मृत्यु से पहले कभी,
हथियार डालेगा नहीं,
जो गिर तो सकता है,
मगर वो हार मानेगा नहीं,
इरादों को अपने पर्वत,
शिखर-सा बुलंद करके,
आगे बढ़ने के लिए ही,
सोच को स्वच्छंद करके,
पंछी के जैसे आसमां में,
उड़े रहते हैं,
जिन लोगों के सपने,
ज़िन्दगी से बड़े रहते हैं।