मन से मन के तार जोड़ती संगीत
मन से मन के तार जोड़ती संगीत
संगीत का हम इंसानों से युगो- युगो से चला रहा है नाता।
केवल मनुष्य नहीं पशु पक्षियों को भी संगीत खूब भाता।।
हमारी सुप्त चेतना को जगा देती है संगीत ऐसी औषधि।
समस्त प्राणियों का यह प्रिय दूर करे तन मन की व्याधि।।
पौष्टिक खाने की स्वस्थ रहने के लिए जैसे होती ज़रूरत।
वैसे ही जीवन में सकारात्मकता के लिए संगीत है जन्नत।।
आत्मा को स्वस्थ रखे मानसिक व्याधियों का करे निदान।
एकाग्रता बढ़ाता संगीत कई जटिल रोगों का है समाधान।।
कुछ ना कहकर भी सब कुछ कहते हैं संगीत ऐसी भाषा।
प्यार अपनापन एहसास जज्बात की संगीत है परिभाषा।।
दिल से करो महसूस तो कण-कण में है संगीत विद्यमान।
हमारे मन की आवाज़ संगीत होती है यह धड़कन समान।।
मन से मन के तार जोड़ देती जीवन का है ये अभिन्न अंग।
खूबसूरत लम्हा होता वो जब वक्त गुजरता संगीत के संग।।
आत्मा को स्पर्श करती है संगीत जाने कहाँ ये जाति धर्म।
कभी आँसू बन छलकती कभी बनती कभी दिल का मर्म।।
खींचे चले आते हैं सब प्राणी संगीत में ऐसा अनोखा जादू।
होता है इसका वज़न इतना कि तोड़ सके ना कोई तराजू।।
सच्चा मित्र है संगीत जीवन के सफ़र का सच्चा हमसफ़र।
संगीत गर संग हो आसान लगने लगती मुश्किल सी डगर।।