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Manisha Patel

Classics Inspirational

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Manisha Patel

Classics Inspirational

मन पतंग

मन पतंग

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मन पतंग को उड़ जाने दो ! 

न रोको...प्रेम प्रसून पर इसे जाने दो। 


मन ही होता चंचल, 

मन ही होता है गहन,

इस मन को सरल हो जाने दो ! 

न रोको...प्रेम प्रसून पर इसे उड़ जाने दो। 


मन है कंदराओं सा गहरा, 

मन तो समुद्र जल सा ठहरा, 

प्रेम निर्झर बन इसे बह जाने दो ! 

न रोको...प्रेम प्रसून पर इसे उड़ जाने दो। 

 

मन ये कभी होता पाषाण सम, 

कभी हो जाता नवनीत सम, 

कोमल ही इसे रह जाने दो ! 

न रोको...प्रेम प्रसून पर इसे उड़ जाने दो। 


न बांँधे से ये बँधेगा, 

न रोके से ही ये रुकेगा, 

कभी इसे भी अपनी कर जाने दो ! 

न रोको...प्रेम प्रसून पर इसे उड़ जाने दो। 


प्रेम है परिष्कार जीवन का, 

प्रेम ही है श्रृंगार मन का, 

प्रेमाभुषण से अलंकृत इसे हो जाने दो ! 

न रोको...प्रेम प्रसून पर इसे उड़ जाने दो।


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