STORYMIRROR

Neerja Sharma

Fantasy Inspirational Thriller

4  

Neerja Sharma

Fantasy Inspirational Thriller

मन पतंग

मन पतंग

1 min
200

मेरा मन पतंग उड़ती ऊँचे आकाश,

न कोई डोर, न किसी पेचे का डर, 

झूम झूम उड़ती जाती ऊँचे आकाश।


जब फँसती किसी आँधी या झंझावात में,

हिम्मत कभी न हारती,नई राह बनाने में,

बाधा पार कर,सफल क्षितिज छूने में।


मन पतंग मेरी मेरे संग उड़ती,

सोच सकारात्मक रख मंजिल छूती,

ऊँचे भाव उपजवा, जज़्बा ऊँचा रखती।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy